हैं हम एक सफर के राही सब यहाँ बढ़ते वक़्त में बदल सकते हैं, हैं हम एक सफर के राही सब यहाँ बढ़ते वक़्त में बदल सकते हैं,
मां के संग संतति का शुभेच्छु, हर एक पिता ही तो है होता। मां के संग संतति का शुभेच्छु, हर एक पिता ही तो है होता।
माँ की एक आशीष हमें दुर्गुणों से दूर कर जाएगा। माँ की एक आशीष हमें दुर्गुणों से दूर कर जाएगा।
मन से पढ़ता, सुनता जो है सबको सुख ये देती है। मन से पढ़ता, सुनता जो है सबको सुख ये देती है।
खिदमत नहीं करी तो, दामन भिगोओगे तुम संपन्नता में रहकर भी, चैन खोओगे तुम। खिदमत नहीं करी तो, दामन भिगोओगे तुम संपन्नता में रहकर भी, चैन खोओगे तुम...
माँ भगवान का रूप है। धरती पर स्वर्ग स्वरूप है। माँ भगवान का रूप है। धरती पर स्वर्ग स्वरूप है।